तीज त्यौहार

तीज त्यौहार या हरियाली त्यौहार ओरत की प्रेम शक्ति के वैभव को दर्शाता है|

2025 में तीज त्यौहार को मनाने की शुभ तिथि

27 जोलाई 2025, दिन -रविवार

पूजा का शुभ मुहर्त -(27 जोलई) सुबह का समय (06:00) बजे से – दोपहर (12:00) तक

तीज त्यौहार केवल नाम का ही नही बल्कि ये त्यौहार हर उस ओरत की दिल की बात को बयान करता है जोकि अपने पति को प्रेम करती है – वो भी बिना किसी शर्त के।

ये त्यौहार अपने साथ बहुत खुशियाँ लाता है। उन सभी औरत के लिए जो अपने पति पर समर्पण रहती हैं और उनको हमेशा प्रेम भाव से हर बात को स्वीकार करती हैं। इस दिन सभी ओरते व्रत रहती हैं और माँ पार्वती इस बलिदान की कथा को सुनती हैं। कैसे माँ ने पति को पाने के लिए घोर भक्ति की और कितना बलिदान किया।

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तीज कथा -शिव पार्वती की अमर प्रेम कहानी

तीज त्यौहार को लेकर हिन्दू धर्म में एक कथा सदियों से परचलित है। ऐसा माना जाता है की माँ पार्वती ने भगवान् शिव को अपने पति रूप में पाने के लिए घोर भक्ति की। माँ पार्वती के १०८ जन्म लेने के बाद भगवान् शिव ने उनकी भक्ति से ख़ुश होकर माँ पार्वती को अपनी पत्नी रूप में अपनाया था। इसी महान मिलन के बाद से ये तीज त्यौहार मनाया जाता हैं। ये समर्पण, साधना और प्रेम का प्रतिक हैं।

इसलिए हर साल सभी औरत इस दिन का इंतज़ार करती हैं और बड़े ही प्रेम भाव से अपने अपने पति के लिए व्रत रकते है।

तीज त्यौहार कैसे मानते हैं।

गांव में सभी औरत एक साथ मिलकर मेहंदी लगाती और एक साथ झूला-झूलती व गाने गाती है

ये त्यौहार कई दिन तक मनाया जाता हैं। रोज सभी मिलकर खूब मौजूद मस्ती करती हैं और नये नये समान खरीदते हैं।

ध्यान क्या है?

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